चंचल जी की कविता का आखिरी बंद तो अद्भुत है--
गाँव जाकर क्या करेंगे ?
• गाँव जंगल में बसा अब तक सडक पहुंची नहीं है –
• तडक नल की और बिजली की भडक पहुंची नहीं है
• डानकुओ का घर वहां है कष्ट का सागर वहां है
• हैं कुएं सौ हाथ गहरे दर्द की गागर वहां है
• भग्न सा मन्दिर पड़ा है ,एक सी होली –दीवाली
• देवता की मूर्ति भी तो मूर्ति चोरों ने चुरा ली
• वे चरण भी तो नही छूकर जिन्हें आशीष पाते
• सिर छुपाने को नहीं है ठांव जाकर क्या करेंगे ?
• गाँव जाकर क्या करेंगे ?
गाँव जाकर क्या करेंगे ?
• गाँव जंगल में बसा अब तक सडक पहुंची नहीं है –
• तडक नल की और बिजली की भडक पहुंची नहीं है
• डानकुओ का घर वहां है कष्ट का सागर वहां है
• हैं कुएं सौ हाथ गहरे दर्द की गागर वहां है
• भग्न सा मन्दिर पड़ा है ,एक सी होली –दीवाली
• देवता की मूर्ति भी तो मूर्ति चोरों ने चुरा ली
• वे चरण भी तो नही छूकर जिन्हें आशीष पाते
• सिर छुपाने को नहीं है ठांव जाकर क्या करेंगे ?
• गाँव जाकर क्या करेंगे ?
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